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Communication Kya Hai

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दोस्तों हम कम्युनिकेशन को हिंदी में संचार से पहचानते हैं. दोस्तों कोई सूचना हो या कोई जानकारी हो इसे हम एक दूसरे को कहते हैं. उसे हम संचार से पहचानते हैं. दोस्तों हम एक छोटी सी भी जानकारी हम किसी फ्रेंड या फिर किसी और व्यक्ति को कहते हैं. तो हम उसे संचार से पहचानते हैं. और दोस्तों कम्युनिकेशन की मदद से हम कोई भी जानकारी हो उसे हम एक दूसरे को आसानी से कह सकते हैं. और दोस्तों पहले की बात करूं तो एक इंपॉर्टेंट मैसेज दूसरे व्यक्ति को कहन था. उसमें भी बहुत बहुत समय लगता था. और दोस्तों आज हमारा जमाना इतना विकसित हो गया है. कि हमें कोई भी इंपोर्टेंट मैसेज दूसरे व्यक्ति को कहना हो तो हम घर पर बैठकर ही. वह इंपॉर्टेंट मैसेज दूसरे व्यक्ति को कोई भी जगह पर बैठा है. और वो मैसेज आसानी से उसे कह सकते हैं. और मैसेज पहुंचाने में हमें बहुत कम समय लगता है.

Communication क्या है?

दोस्तों हम कोई भी बातचीत कोई दूसरे व्यक्ति को करते हैं. और यह हमने बात किसी और को कि वह संचार का माध्यम है. और दोस्तों आप अपनी कोई भी भाषा है. वह भाषा को यूज करके आप किसी और को आपकी दिल की बात या अपना विचार या अपना भाव यह सब भाषा को यूज करके बता सकते हैं. और हमारे मनुष्य में ही संचार नहीं होता है. बल्कि जो पशु और पक्षी होते हैं. वह लोग भी संचार का बहुत उपयोग करते हैं. और यह करने के लिए माध्यम मौजूद होना जरूरी है. और आपको समझाने के लिए मैं बताऊं तो शेर का दहाड़ना, चिड़िया का चहचहाना ना यह सब होना भी एक संचार का पाठ है. और दोस्तों मैं आपको नीचे कम्युनिकेशन के कितने प्रकार होते हैं, वह बताने वाला हूं तो आप इस आर्टिकल को लास्ट तक जरूर फॉलो करें.

Communication कितने प्रकार के होते हैं?

संचार चार प्रकार के होते हैं: –

  • Intrapersonal communication
  • Interpersonal communication
  • Group communication
  • Mass Communication
  • Sender/source
  • Message
  • Encoding
  • Medium
  • decoding
  • Receiver

Intrapersonal communication:-

दोस्तों इंट्रापर्सनल जो कम्युनिकेशन होता है. और उसके अंदर जो व्यक्ति होता है. वह अपने आप से ही communication करता है. और दोस्तों इंट्रापर्सनल के अंदर व्यक्ति खुद अकेला ही होता है. और वह खुद अपने मन में ऐसा विचार करता है. और वह अपने मन में योजनाओं से रिलेटेड सोचता है. और जो व्यक्ति मन में ही सोचता है. या वह सपने देखने लगता है. तो हम उसे इंट्रेपर्सनल कम्युनिकेशन में गिनते हैं.

Interpersonal communication:-

दोस्तों इसके अंदर दो प्रकार के लोग इनवॉल होते हैं. और दोस्तों दो व्यक्ति आपस में कोई चर्चा कर रहे हैं. तो हम उसे इंटरनल कम्युनिकेशन कहते हैं. और दोस्तों इस कम्युनिकेशन के अंदर दो व्यक्ति होते हैं. वह आस पास बैठते हैं. और वह कम्युनिकेशन सीधे आस-पास में ही करते हैं. इसे हम इंटरनल कम्युनिकेशन कहते हैं.

Group communication:-

दोस्तों इसके अंदर हम ग्रुप में बहुत सारे लोग कम्युनिकेशन करते हैं. और इस वजह से इसे समूह संचार कहा जाता है. और इस ग्रुप के अंदर सभी लोग जो होते हैं. वह लोग अलग-अलग समुदाय से आते हैं. और इसी वजह से वह लोगों के अंदर कुछ ना कुछ अपने विषय के रिलेटेड बातचीत होती है. और इसलिए हम इसे ग्रुप कम्युनिकेशन कहते हैं.

Mass communication:-

दोस्तों इसके अंदर जनसंचार के डिलीटेड संचार मौजूद होता है. और दोस्तों समूह में जो संचार होता है. और उसका यह बड़ा रूप माना जाता है. और जनसंचार का यह मतलब होता है. कि संसार को यूज करके और माध्यम को यूज करके जो जनता होती है. उन तक बात को पहुंचाना होता है. और यह जनसमूह को यूज करके संचार को करके ही होता है.

Sender/source

दोस्तों आप कोई भी बात को किसी दूसरे तक पहुंचाते हैं. तो उसे हम सेंडर के रूप से जानते हैं. और हर कोई व्यक्ति अपने मन के अंदर जो विचार लाता है. और उसको दूसरों के सामने कहता है. और जो व्यक्ति दूसरों के सामने अपना विचार कहता है. उसे हम sender या source कहते हैं.

Message:-

दोस्तों सेंडर कोई भी इंसान को मैसेज करता है. और अपने मन के अंदर जो भी विचार आ रहा है. और वह कोई भी इंसान को मैसेज के थ्रू भेजता है. और सेंडर जो व्यक्ति को मैसेज भेज रहा है. और उसमें वह मैसेज में चित्र या संकेत के रूप में मैसेज कर रहा है.

Encoding:-

दोस्तों इनकोडिंग के अंदर हमको कोई भी वस्तु को समझना है. तो हम संकेत को यूज करके आसानी से समझ सकते हैं.

Medium:-

दोस्तों हम किसी व्यक्ति को कोई भी मैसेज भेजते हैं. और उस मैसेज में हम कोई भी साधन का यूज करते हैं. तो हम उसे माध्यम कहते हैं. और इसके अंदर हमारा कोई भी मैसेज होता है. तो वह हम दूसरे व्यक्ति तक भेजते हैं. और दोस्तों जो माध्यम होता है. उसके भी बोहोत सारे प्रकार देखने को मिलते हैं.

Decoding:-

दोस्तों हम हिंदी में डिकोडिंग को कूट के संकेत से जानते हैं. और दोस्तों आपकी कोई भी प्रक्रिया चालू है. तो सेंडर की मदद से आप कूट संकेतों को आसानी से ग्रहण करता है.

Receiver:-

दोस्तों जो संदेश को प्राप्त करता है. और हम उसे रिसीवर के नाम से जानते हैं. और हम जिस व्यक्ति को मैसेज भेजते हैं. और वह व्यक्ति रिसीवर कहलाता है. और जो रिसीवर होता है. और वह संदेश को जैसे प्राप्त कर ले और वैसे ही सामने वाले व्यक्ति को अच्छी तरीके से समझता है.

निष्कर्ष

दोस्तों मैंने आपको इस आर्टिकल में बताया कि कम्युनिकेशन क्या है? और आपने हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढ़ लिया होगा तो आपको समझ में आ गया होगा. कि आखिर कम्युनिकेशन क्या होता है. और आपको इस आर्टिकल पढ़ने के बाद कुछ भी नॉलेज मिला है. तो आप इस आर्टिकल को अपने फ्रेंड या फिर अपने फैमिली मेंबर के साथ जरूर शेयर करें. क्योंकि यह नॉलेज उन लोगों को भी मिल जाए और आपको इस आर्टिकल में कुछ भी दिक्कत का सामना करना पड़ा है. तो आप हमें नीचे कमेंट करके पूछ सकते हैं. हम उस कमेंट का जवाब जरूर देखें. और आप को इस आर्टिकल को सोशल मीडिया पर इतना वायरल कर देना है. कि आपकी एक शेयर करने की वजह से बहुत लोगों का फायदा हो सके तो मिलते हैं. अगले आर्टिकल में तब तक के लिए धन्यवाद 

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