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Ekadashi ka Vrat kaise kare

Nirjala ekadashi:- 

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दोस्तों हमारे देश में निर्जला का एकादशी का व्रत 10 जून को आता है. और दोस्तों 10 जून को हम दिलसे भगवान विष्णु की पूजा अगर करते हैं. तो हमारी जो भी मनोकामना होती है. वह दिल से पूरी हो जाती है. और दोस्तों मैं आपको नीचे बताने जा रहा हूं कि कब और कैसे करना है व्रत तो आप इस आर्टिकल को लास्ट तक जरूर पढ़ें 

Nirjala ekadashi vrat katha

दोस्तों सनातन धर्म है. उसके अंदर निर्जला एकादशी का बहुत-बहुत विशेष महत्व होता है. मान्यताओं के आधार पर कहते हैं. कि जो व्यक्ति निर्जला एकादशी का दिल से विधि विधान से अगर व्रत करता है. तो उसके जीवन में जो सारी समस्या आती है. वह सारी समस्या दूर हो जाती है. और एकादशी का जो व्रत आता है. वह साल में श्रेष्ठ माह के शुल्क पक्ष की एकादशी तिथि आती है. उस दिन मनाते हैं. और दोस्तों यह व्रत बहुत कठिन माना जाता है. क्योंकि यह व्रत में हम कुछ भी खा नहीं सकते हैं. और कुछ भी पी नहीं सकते हैं. और हर साल को निर्जला एकादशी का व्रत 10 जून को आता है. और दोस्तों मैं आपको बताने वाला हूं इस आर्टिकल में की एकादशी का व्रत कैसे करते हैं. और एकादशी का व्रत के दिन कौन सी बात का आपको पालन करना पड़ता है.

निर्जला एकादशी व्रत शुभ मुहूर्त

दोस्तों निर्जला एकादशी तिथि का शुभ प्रारंभ शुक्रवार के दिन को सुबह 7 बचकर 25 मिनिट से शुरू होता है. और एकादशी समाप्त करने का 11 जून को सुबह 5 बचकर 45 मिनिट पर तिथि समापन होता है. दोस्तों जो व्यक्ति निर्जला एकादशी का व्रत करना चाहता है तो वह 11 जून को 5 बचकर 49 मिनिट से लेकर 8 बचकर 29 मिनिट तक पारण करना होता है.

निर्जला एकादशी का महत्व

दोस्तों निर्जला उपवास व्रत हम इसलिए करते हैं. कि भगवान विष्णु के उपवास का पर्व होता है. दोस्तों हम यह एकादशी का व्रत रखते हैं. तो हमें पूरे साल भर में बहुत फायदा मिलता है. और हम एकादशी का व्रत रखते हैं. तो हमें कभी क्रोध नहीं करना है. और ना ही एकादशी के व्रत में बिल्कुल जूठ नहीं बोलना है.

निर्जला एकादशी व्रत पूजा

दोस्तों आप निर्जला एकादशी व्रत का उपवास करते हैं. तो आपको सुबह उठते ही सूर्य देव को जल चढ़ाना जरूरी है. और बाद में आपको अपने शरीर पर पीताम्बर यानी की पीले वस्त्र का धारण कर देना है. और बाद में भगवान विष्णु की पूजा करते हुए विष्णु सहस्त्रनाम का स्रोत का पाठ जरूर करना है. दोस्तों आगे आपको भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी की जो मूर्ति होती है. उसके ऊपर आपको फूल, पंचामृत और तुलसी का पत्ता चढ़ाना होता है. और दोस्तों अगर आप एकादशी का व्रत करना चाहते हैं. मगर आपका शरीर एकादशी का व्रत करने में समर्थ नहीं है. और आप व्रत में पानी पीने बिना नहीं रह सकते हैं. तो आपको पानी के अंदर एक नींबू मिलाकर पी लेना है. और अभी आपका शरीर व्रत करने के लिए सक्षम नहीं है. तो आप फल और फ्रूट का सेवन कर सकते हैं.

इन चीजों का करे दान

दोस्तों आप निर्जला एकादशी का व्रत करते हैं. उस दिन आपको गरीबों को अन्न, वस्त्र, बिस्तर, छाता और जल यह सब जरूर दान करना है.

दोस्तों आप निर्जला एकादशी का व्रत करते हैं. उस दिन आपको कोई भी ब्राह्मण को जूते का दान अगर करते हैं. तो वह सबसे ज्यादा आपके लिए लाभदायक होता है.

दोस्तों आप निर्जला एकादशी का व्रत करते हैं. उस दिन आपको सभी पेड़ों के नीचे पशु पक्षियों के लिए दाना पानी यह सब जरुर डालना है.

दोस्तों एकादशी के व्रत के दिन आपको गरीबों को और जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन जरूर करवाना है. अगर आप ऐसा करते हैं. तो आपको बहुत लाभ मिलता है.

निष्कर्ष

दोस्तों मैंने आपको इस आर्टिकल में बताया कि एकादशी का व्रत कैसे करें? और आपने हमारे इस आर्टिकल को लास्ट तक पढ़ा है. तो आपको समझ में आ गया होगा कि आखिर एकादशी का व्रत कैसे करते हैं. और आपको इस आर्टिकल पढ़ने के बाद कुछ भी नॉलेज मिला है. तो आप इस आर्टिकल को अपने फ्रेंड या फिर अपने फैमिली के साथ जरूर शेयर करें. क्योंकि यह नॉलेज उन लोगों को भी मिल जाए. और आपको इस आर्टिकल में कुछ भी दिक्कत का सामना करना पड़ा है. तो आप हमें नीचे कमेंट करके पूछ सकते हैं. हम उस कमेंट का जवाब जरूर देंगे. और आपको इस आर्टिकल को सोशल मीडिया पर इतना वायरल कर देना है. कि आपके 1 शेयर करने की वजह से बहुत लोगों का फायदा हो सके तो मिलते हैं. अगले आर्टिकल में तब तक के लिए धन्यवाद 

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