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पूजा का वैज्ञानिक महत्व क्या है

दोस्तों मैं आपको इस आर्टिकल के अंदर बताने वाला हूं. कि Puja Ka Vaigyanik Mahatva – पूजा का वैज्ञानिक महत्व और आपको यह जानना है. तो आप हमारे इस आर्टिकल को लास्ट तक जरूर पढ़े.

पूजा:-

दोस्तों हम कोई भी भगवान, देवी देवता आदि की पूजा मूर्ति के सामने या फिर कोई फोटो के सामने करते हैं. और पूजा करने के बाद आरती की विधि होती है. और अभी 2022 के अंदर पूजा करने की नई आरती भी विकसित हो गई है. और आप भगवान की पूजा कर रहे हैं. तो आपको पहले की जो विधि और परंपरा होती थी. और उसको फॉलो करके ही आपको आरती करनी होती है. और अगर आप यह नहीं करते है. तो आरती करने का कोई महत्व नहीं बचता है.

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और दोस्तों अलग-अलग देवता होते हैं. और उनके अलग-अलग  मंत्र होते हैं. और उस मंत्र को यूज करके हम फॉलो कर सकते हैं. और इस मंत्र को हम यूज करके कोई भी देवी देवता की पूजा कर सकते हैं. और साथ में ही इसको यूज़ करके पंचदेव होते हैं. और उनकी भी पूजा कर सकते हैं. और आप स्नान कर लेते हैं. और उसके बाद देवी देवता को पुष्प, धूप, पत्र आदि तीन चीज अर्पण करते हैं. और आप कोई भी देवी देवता को कोई भी चीज अर्पण करते हैं. और उस दौरान आपको बहुत सारे मंत्रों का उच्चारण करना होता है.

पंचदेव:-

आदित्यं गणनाथं च देवी रुद्रं च केशवम्‌।

पंच दैवत्यामि त्युक्तं सर्वकर्मसु पूजयेत॥

दोस्तों मैंने ऊपर जो श्लोक बताया है. और उसका अर्थ होता है. कि दुर्गा, काशी, विष्णु, सूर्य आदि को पंचदेव में गिना जाता है. और उसके कारण इन सभी भगवान की पूजा हमें सभी अच्छे कामों में जरूर करनी है.

आरती:-

और दोस्तों आरती का मतलब दीप या फिर परमात्मा आदि नाम से जाना जाता है. और दोस्तों आराध्या कि जो पूजा के अंदर कोई भी रुकावट रह जाती है. तो उसको अच्छे से आरती करने से हो जाती है. आपकी सभी रुकावट खत्म. और आरती के अंदर पांच दीप को प्रगट करके आरती की जाती है. और इसी को ही हम पंचडिप से जानते हैं. और आप एक दीप जला कर भी आरती कर सकते हैं. और आप 7 दीप जलाकर भी आरती कर सकते हैं. और यह आपके ऊपर निर्भर करता है.

विशेष:-

दोस्तों आप दीप जलाते हैं. और उसकी दिशा पूर्व तरफ रखते हैं. तो आपकी उमर, रुचि बढ़ती है. और अगर आप दीप को पश्चिम दिशा की ओर रखते हैं. तो दुख कम होते हैं. और अगर आप दक्षिण दिशा की ओर दीप को रखते हैं. तो आपके साथ जो भी खराब होने वाला है. और वह मिट जाता है. और अगर आप दीप को उत्तर दिशा की ओर रखते हैं. तो आपको पैसे की प्राप्ति होती है. और आप दीप को जलाते हैं. तो उसके बीच में ही प्रगट करते हैं. तो बहुत लाभ मिलता है. और आप दीप को चारों दिशा में फैलाते हैं. तो भी यह बहुत लाभकारी होते हैं.

घर में रखे कितनी मूर्तियां

गृहे लिंगद्वयं नाच्यं गणेशत्रितयं तथा। 

शंखद्वयं तथा सूर्यो नार्च्यो शक्तित्रयं तथा॥ 

द्वे चक्रे द्वारकायास्तु शालग्राम शिलाद्वयम्‌। 

तेषां तु पुजनेनैव उद्वेगं प्राप्नुयाद् गृही॥

अर्थ :-

दोस्तों हमें हमारे घर के अंदर तीन गणेश, दो सिवलिंग, दो सूर्य, तीन दुर्गा मूर्ति, दो संख, दो गोमती चक्र आदि आप घर में भगवान को रखते हैं. और उनकी पूजा करते हैं. तो आपको गृहस्थिन के मनुष्य को शांति मिलती है.

पूजन के उपचार

पांच उपचार

दोस्तों आपको पांच उपचार के अंदर पुष्प, धूप, दीप आदि की आवश्यकता रहेगी.

10 उपचार

दोस्तों आपको 10 उपचार के अंदर जल, स्नान, वस्त्र, पुष्पा, धूप, दीप आदि चीज की आपको आवश्यकता रहेगी. 

सोहर उपचार

दोस्तों आपको तो सोहर उपचार के अंदर जल, स्नान, वस्त्रों, पुष्पदीप आदि को आपको दक्षिण दिशा मैं चढ़ाना होता है.

अगले पन्ने पर पूजा और आरती के लाभ

दोस्तों हम भगवान की आरती करते हैं. तो हम बहुत पवित्र हो जाते हैं. और आरती के अंदर हम दीप को जलाने के लिए गाय का घी यूज करते हैं. और आरती के समय शंख बजाते हैं. और आप यह दोनों के use से वातावरण में जो भी कीटाणु मौजूद होते हैं. और वह इसके कारण मर जाते हैं. और दोस्तों विष्णु धर्म के अंदर ऐसा कहा गया है. कि जो व्यक्ति के घर के अंदर धूप करते हैं. और उस व्यक्ति की बहुत सारी पेढ़ी खुशियों भरी रहती है. तो आप इस आर्टिकल को लास्ट तक जरूर पढ़ें. Puja Ka Vaigyanik Mahatva – पूजा का वैज्ञानिक महत्व

दोस्तों आप घी और कपूर को यूज करके अपने घर के अंदर जलाते हैं. तो आपके घर के अंदर कपूर और सल्फर आदि दोनों का धुआं करते हैं. तो आपके घर के अंदर से सारी खराब चीज मिट जाती है. और दोस्तों आप पौष्टिक चीजें और सुगंध वाली चीजों को यूज करके जलाते हैं. तो आपका दो काम एक साथ होता है. और आपके वातावरण के अंदर गर्मी का प्रमाण घटता है. और आपके वातावरण में ऑक्सीजन के जो छोटे-छोटे तत्व होते हैं. और वह ओजोन के अंदर ऐड हो जाते हैं. और इसके कारण आपके लोही को साफ करने में बहुत हेल्प करता है. और साथ में ही अपने मस्तिष्क को शांत करता है. और एकदम ठंडा रखता है.

दोस्तों शंख, ध्वनि, गडियार आदि पूजा मैं इंपॉर्टेंट चीज है. और आप कोई भी देवी देवता की पूजा करना चाहते हैं. तो आपको शंख बजाए बिना या फिर घड़ियां बजे बिना नहीं करनी चाहिए. और दोस्तों सन 1920 में बर्लिन यूनिवर्सिटी द्वारा ऐसा साबित करा गया है. जो आपको दंग कर देता बर्लिन यूनिवर्सिटी ने शंख की ध्वनि से हमारे वातावरण के अंदर जो भी बैक्टीरिया होते हैं. या फिर कीटाणु मौजूद होते हैं. और उसको मारने के लिए एकदम सस्ती दवा बताया है. और दोस्तों 27सेकेंड की रफ्तार से आपने घंट को बजाते हैं. तो उससे तो पवन निकलता है. और वह 1200 फीट दूर तक जो भी बैक्टीरिया या जंतु होते हैं. और उसको मार गिराने में हेल्प करता है.

दोस्तों हम मंदिर के अंदर घंट बजाते हैं. और उसके कारण हमें शरीर के अंदर बहुत सारी तकलीफ होती है. तो वह दूर हो जाती है. और हमारे मन के अंदर बहुत विकास होता है. और इससे हमारे शरीर पर बहुत अच्छा इफेक्ट पड़ता है.

निष्कर्ष 

दोस्तों मैंने आपको इस आर्टिकल के अंदर बताया. कि Puja Ka Vaigyanik Mahatva – पूजा का वैज्ञानिक महत्व और आपको यह पढ़कर नॉलेज मिला है. तो आप इस आर्टिकल को अपने फ्रेंड या फिर अपने रिलेटिव के साथ जरूर शेयर करें. क्योंकि यह नॉलेज उन लोगों को भी मिल जाए. और आपको इस आर्टिकल में कुछ भी दिक्कत का सामना करना पड़ा है. तो आप हमें नीचे कमेंट करके पूछ सकते हैं. और हम उस कमेंट का जवाब जरूर देंगे. और आपको इस आर्टिकल को सोशल मीडिया पर इतना वायरल कर देना है. कि आपके एक शेयर करने की वजह से बहुत लोगों का फायदा हो सके. तो मिलते हैं. अगले आर्टिकल में तब तक के लिए धन्यवाद.

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