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Irsha se kaise bache

ईर्षा आपका स्वभाव नहीं है

दोस्तों आप अपने पूरे जीवन में कोई चीज छोड़ देते हैं तो वह छोड़ने का कोई मतलब नहीं होता है क्योंकि आज ऐसा समय चल रहा है कि आपको अपने अंदर ईर्षा नहीं है और यह आपके अंदर कोई अंग नहीं होता है और यह ईर्ष्या आप खुद ही पैदा करते हैं जब समय आता है और यह ऐसा आपने इसलिए अपने अंदर महसूस किया है कि मेरा यह काम नहीं होता है तो मैं ऐसा करूंगा तो यह बात एक समय के लिए चलता है और दोस्तों आपको अपने अंदर गुस्सा आता है या फिर जलन होता है या फिर किसी व्यक्ति से नफरत होती है उस टाइम के बीच आपको ईर्षा आती है तो आपको करनी चाहिए और आपको एक बात ध्यान रखनी है कि यह बात आपको कभी खुशी नहीं दे सकती है और आपने जो हिस्सा रखी है वह आपको कोई फायदा नहीं होगा क्योंकि आपने इसे इसलिए रखा है कि आपके अंदर जो जागरूकता होती है उसकी कमी बहुत है 

आपने ठान लिया है कि अपने अंदर से ईर्ष्या को आखिर मुक्त कर देना है तो आप को उसके पहले यह समझना चाहिए कि बंधन आखिर क्या होता है और आप लोगों ने किसी भी व्यक्ति के साथ संबंध जोड़ रखा है और उसके बाद जब समय आता है तब आप किसी भी व्यक्ति के साथ जोड़ते हैं तब आपका टकराव होने लगता है और यह इसलिए होता है कि आप अपना जो यह सब अंधे हो आसानी से तोड़ पाए और ऐसा करते हैं उसका यह फायदा होता है कि आपका अस्तित्व के साथ कोई टकराता नहीं है ऐसा होता है तो आप जो भी चीज सोचते हैं उसे आप अच्छा या बुरा नहीं देखते यह देखते हैं कि खराब का तो नहीं है 

जलन और ईर्ष्या की भावना

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दोस्तों जलन की जो भावना होती है वह प्राकृतिक मानी जाती है और यह भावना कभी-कभी बहुत बढ़ जाती है और भावना बढ़ने का कारण यह कि दूसरी जो भावना होती है वह इस पावना पर हावी होने लगती है और ऐसा होने की वजह से गुस्सा, चिड़चिड़ा पन होना, कड़वाहट भरा होना अपने अंदर लाजमी है और यह सब होने की मेन बात है जब हम दूसरे के साथ हमको कंपेयर करते हैं उसके वजह से यह सबसे ज्यादा होता है और जो यह ईर्षा होती है उसके पर हम हावी होना चाहते हैं तो हम कुछ तरीके भी अपना सकते हैं 

भावनाओं के प्रति सचेत होना

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दोस्तों हमारे अंदर जो भावना होती है वह प्राकृतिक मानी जाती है मगर इसका यह मतलब नहीं है कि आप इसे अनदेखी करें और आपको बहुत जल्दी अपने अंदर ईर्षा को कम करना है तो आपको अपने अंदर जो नकारात्मक और सकारात्मक भावनाओं होती है वह समझ नी जरूरी है और जो सबसे ज्यादा नकारात्मक भावना होती है उसे लोग समझना बिल्कुल नहीं जाते है और इसकी वजह से हम लोगों को बहुत ईर्षा का रूप धारण हो जाता है और आप लोग अपने अंदर जो सकारात्मक बात सोचते हैं तो यह ईर्ष्या वाली भावना आपके अंदर से निकल जाएगी और यह करने के बाद भी आपके अंदर ईर्षा खत्म नहीं होती है तो आपको रोजाना मेडिटेशन या फिर ध्यान लगाना चाहिए और यह आप रोजाना करते हैं तो आप अपने गुस्से पर काबू आसानी से कर पाएंगे 

ईर्षा करने की बजाय इसे स्वीकारो

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दोस्तों ईर्ष्या क्यों है क्या आपका दोस्त आपसे बहुत ज्यादा अमीर है और ईर्षा होने की वजह से आपको बहुत जलन होता है या फिर आप से ज्यादा पढ़ाई में होशियार है और यह वजह से आपको जलन होता है और दोस्तों जो जलन होता है वह बहुत तरीके से हमें होता है तो आपको उश दौरान ईर्षा क्यों आती है उसका कारण सोचना जरूरी है और इस चीज को आप को अपने खुद पर स्वीकार कर देना है और अंत मैं आपको ऐसा बताना है जो आप है 

तुलना और प्रतिस्पर्धा के बीच फर्क समझे

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दोस्तों आप तुलना और प्रतिस्पर्धा के बीच कभी फर्क नहीं करते हैं और आपको मैं बता दूं की तुलना और प्रतिस्पर्धा के बीच बहुत बड़ा फर्क माना जाता है और जो प्रतिस्पर्धा होती है उसे हमें किसी को मजा चखाने में बहुत मजा आता है क्योंकि आप किसी को प्रतिस्पर्धा में किसी को पीछे छोड़ते हैं तो उसके बाद आप उस व्यक्ति को सबक सिखाते हैं और जो तुलना की बात करे तो उसमें आप हार जाते हैं और हारने के बाद उस व्यक्ति पर बहुत-बहुत ईर्षा करते हैं और जैसे ही आप लोग किसी व्यक्ति के साथ अपनी तुलना करते हैं वैसे ही आप लोग हार जाते हैं और हमारे अंदर जो कमजोरी होती है वह दूसरे के साथ हम तुलना करते हैं उस पर हमें बहुत शर्मिंदा होते है और जब आपको किसी पर जलन होती है तो आपको उस व्यक्ति के पास से उसके अंदर जो अच्छी चीज इनबिल्ट है वह अपने अंदर हासिल करनी है और अपने जीवन में बहुत आगे बढ़ना है यह कोशिश आपको जरूर करनी है 

दूसरों की मदद ले

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दोस्तों आपके जीवन में बहुत करीबी मित्र बनाए हैं या फिर आपके फैमिली में जो भी व्यक्ति है उसके पास से आप जरूर मदद ले सकते हैं और आपको अपने फ्रेंड्स या फिर अपने फैमिली के पास से मदत लेने के बाद आपको अपने अंदर से किसी भी व्यक्ति के पर जलन या ईर्षा भावना को निकाल देना है और जो जलन होता है वह हमारे खालीपन से भी आता है और खालीपन माने कि आप अकेले है और आपको किसी पर जलन या ईर्षा होती है तो इसे खत्म करने के लिए आप अपने किसी करीबी दोस्त की मदद लेकर इसे आसानी से समाप्त कर सकते हैं 

अपनी खासियते गिने

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दोस्तों अगर हर्ष के पास कोई अच्छा फोन है और मासूम के पास कोई भी फोन नहीं है तो मासूम हर्ष को कभी पसंद नहीं करेगा और मासूम हर्ष के पर ईर्षा भी करेगा और हर्ष के पापा बहुत पैसे वाले हैं इसलिए हर्ष ने अपने पापा पर दबाव करके मोबाइल खरीद लिया है मगर मासूम के पास पैसे भी नहीं है और उसकी वजह से वह मोबाइल खरीद नहीं सकता है और मासूम हर्ष पर ईर्षा भी करता है और मासूम स्पोर्ट्स में किसी भी गेम में बहुत अच्छा खेलता है और इसकी वजह से जो हर्ष है वह मासूम पर बहुत ईर्षा करता है और हर्ष चाहे तो भी मासूम को किसी भी गेम में हरा नहीं सकता है और इससे आपको पता चल गया होगा कि दोस्तों हम एक दूसरे के अंदर कुछ अच्छा देखते हैं तो हम तुरंत परेशान हो जाते हैं और दोस्तों उस दरमियान आपको यह सोचना चाहिए कि मेरे पास तो इतनी सारी काबिलियत है और दूसरों के पास तो ऐसी कोई काबिलियत भी नहीं है और आपको अपने अंदर जो अच्छी खूबी या है उसको गिनना है और अगर आप यह करते हैं तो आप किसी के ऊपर भी ईर्षा नहीं करेंगे 

चलो जाने भी दो

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दोस्तों आपको अपने जीवन में अनदेखी करना भी चाहिए जब आपके साथ कुछ होता है तब आपको चलो जाने भी दो ऐसा कहना भी जरूर आना चाहिए और आप ऐसा करते हैं तो आप जरूर खुश रहते हैं और आप यह अगर बोलते हैं कि चलो जाने भी दो तो ऐसा बोलने पर जो दूसरे व्यक्ति होते हैं वह आपके पर गुस्सा बहुत करते हैं और ऐसा वही व्यक्ति बोलता है जो आजू-बाजू में खड़े हैं उसकी परवाह करता नहीं है वही व्यक्ति बोल सकता है और यह खूबी आपको अपने अंदर लानी है तो आप रोजाना शारीरिक एक्सरसाइज, ध्यान, हॉबी आदि से अपने अंदर अच्छी बात ला सकते हैं 

प्यार है उपचार

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और दोस्तों लास्ट में बात करें तो किसी भी चीज में आपको खुशी लानी है तो अच्छे से बात करना आना चाहिए और अच्छे से किसी भी व्यक्ति से प्यार से बात करना सीखें और उसके बाद आपको अपने आप समझ में आ जाएगा कि आप किसी पर जलन करते हैं तो आप खुद ही परेशान होते हैं और अगर आप लोग किसी को प्यार से बात करते हैं तो मन आपोआप शांत महसूस करते हैं और दोस्तों आप चाहे तो जलन और ईर्षा करके जो हासिल करना चाहते हैं वह हासिल कर सकते हैं मगर इस दुनिया में कोई परफेक्ट नहीं होता है और आपके अंदर जो खूबी है वैसी ही खूबी दूसरों के भी अंदर होती है और दूसरों की भी खूबियों से आपको प्यार होना चाहिए और यह सब बात को आप को अपने मन के अंदर उतार कर जरूर सीखना चाहिए 

निष्कर्ष

दोस्तों मैंने इस आर्टिकल में आपको बताया कि आप लोग ईर्षा से आखिर कैसे बच सकते हैं और आपको इस आर्टिकल पढ़ने के बाद समझ में आ गया होगा और आपको इस आर्टिकल को अपने फ्रेंड्स या फिर अपनी फैमिली के साथ जरूर शेयर करना है क्योंकि यह माहिती उन लोगों को भी मिल जाए और आपको इस आर्टिकल में कुछ भी तकलीफ महसूस होती है तो आप हमें नीचे कमेंट करके पूछ सकते हैं हम उस कमेंट का जवाब जरूर देंगे और आपको इस आर्टिकल को सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करना है क्योंकि आपकी शेयर करने की वजह से बहुत लोगों का फायदा होगा तो मिलते हैं अगले आर्टिकल में तब तक के लिए दिन आपका शुभ रहे

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