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करवा चौथ की कथा इन हिन्दी

दोस्तों मैं आपको इस आर्टिकल के अंदर बताने वाला हूं. कि Karwa Chauth Ki Katha In Hindi – करवा चौथ की कथा इन हिन्दी. और आपको यह जानना है. तो आप हमारे इस आर्टिकल को लास्ट तक जरूर पढ़ें. और करवा चौथ की पूजा चल रही है. और मैरिड महिला उस पूजा को सुन रही है. तो मैं नीचे की और आपको दो कथा के बारे में बताने वाला हूं. जिसे आप पढ़ते हैं. तो करवा चौथ की कथा क्यों करते हैं. उसके बारे में आप आसानी से जान सकते हैं. और आपको यह जानना है. तो आप हमारे इस आर्टिकल को लास्ट तक जरूर पढ़ें.

पहली कथा:-

दोस्तों एक बड़ा व्यापारी था. जिसके 7 बेटे और एक बेटी भी थी. और यह सात भाई अपनी बहन से दिल से बहुत लव करते थे. और पूरी फैमिली साथ में बैठकर ही रोजाना खाना खाती थी. और एक समय की बात है. की उनकी बहन अपने पियर आई थी. और सातों भाई अपने काम से बाहर गए थे. और रात हुई तो सातो भाई घर पर आए. तो देखते ही उन्हें अपनी बहन देखने को मिली. मगर उनकी बहन मनो मन चिंता में दिख रही थी. और पूरी फैमिली खाना खाने बैठी तभी भाइयों ने अपनी बहन को कहा कि तुम भी खाने के लिए बैठो. तो बहन ने तुरंत ही बोला कि मुझे खाना नहीं है. क्योंकि आज मैंने करवा चौथ का व्रत रखा है. इसलिए मेरा आज उपवास है. और रात के समय जब चांद अवकाश के अंदर देखने को मिलेगा. तब ही मैं खाना खाऊंगी. और सात भाई में से एक भाई घर के बाहर गया. और एक पीपल का पेड़ दिख रहा था. उस पेड़ के पीछे उस भाई ने तरकीब लगाकर चांद जैसा चमकदार रख दिया. और घर पर आकर अपनी बहन को वह पीपल के पीछे चंद्र दिख रहा है. वैसा बताया. और उपवास को खत्म करवाया. और जैसे ही बहन ने पहला निवाला खाया. उसको तुरंत ही न्यूज़ मिली. कि उसका पति का मृत्यु हो गया है. क्योंकि उसने करवा चौथ के व्रत को चंद्र देखने से पहले ही खत्म कर दिया था. और बाद में उनकी बहन ने पूरे 1 साल तक चतुर्थी के हर उपवास को रखा. और अगला साल आया तभी करवा चौथ का उपवास मुहूर्त के हिसाब से रात को चंद्रमा देखकर ही खत्म किया. तो भगवान प्रसन होकर उनके पति को जीवित कर दिया. और उस बहन को अपना पति वापस मिल गया. तो आप इस आर्टिकल को लास्ट तक जरूर पढे. Karwa Chauth Ki Katha In Hindi – करवा चौथ की कथा इन हिन्दी.

दूसरी कथा:-

दोस्तों करवा चौथ की पूजा अर्चना होती है. उसको सत्यवादी और वामदेवी की पूजा अर्चना से कमपेर किया जा सकता है. और इस कथा के अंदर ऐसा हुआ. कि एक बार यमदूत पृथ्वी पर आए. और सत्यवादी की आत्मा को लेने गए. और तभी ही वामदेवी ने अपना खाना. और पीना को छोड़ दिया था. और वामदेवी के इस जज्बे को देखकर यमदूत भी चौक गए. और उनको भी वामदेवी के सामने झुकना पढ़ा था. और जिसके कारण यम देव ने सत्यवादी के जीव को त्याग दिया. और वापस यमदूत चले गए.

निष्कर्ष

दोस्तों मैंने आपको इस आर्टिकल के अंदर बताया कि Karwa Chauth Ki Katha In Hindi – करवा चौथ की कथा इन हिन्दी. और आपने हमारे इस आर्टिकल को लास्ट तक पढ़ा होगा. तो आपको समझ में आ गया होगा. कि करवा चौथ की कथा क्या है. और आपको यह आर्टिकल पढ़कर नॉलेज मिला है. तो आप इस आर्टिकल को अपने फ्रेंड या फिर अपने रिलेटिव के साथ जरूर शेयर करें. क्योंकि यह नॉलेज उन लोगों को भी मिल जाए. और आपको इस आर्टिकल में कोई भी दिक्कत का सामना करना पड़ा है. तो आप हमें नीचे कमेंट करके पूछ सकते हैं. और हम उस कमेंट का जवाब जरूर देंगे. और आपको इस आर्टिकल को सोशल मीडिया पर इतना वायरल कर देना है. कि आपके एक शेयर करने की वजह से बहुत लोगों का फायदा हो सके. तो मिलते हैं. अगले आर्टिकल में तब तक के लिए धन्यवाद. 

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