PUJA FINAL PICS

पूजा का वैज्ञानिक महत्व

दोस्तों मैं आपको इस आर्टिकल के अंदर बताने वाला हूं. कि Puja Ka Vaigyanik Mahatva – पूजा का वैज्ञानिक महत्व. और आपको यह जानना है. तो आप हमारे इस आर्टिकल को लास्ट तक जरूर पढ़ें. और दोस्तों हिंदू धर्म के अंदर शाम को जो पूजा होती है. उसे हम 4 तरीके से कर सकते हैं. जिसमें पहला तरीका है. प्रार्थना करके, दूसरा तरीका ध्यान करके, तीसरा तरीका कीर्तन करके, चौथा तरीका पूजा आरती करके आदि चार प्रकार से हम भगवान की आरती कर सकते हैं. और हर व्यक्ति के अंदर भगवान के लिए श्रद्धा होती है. और जिसके अंदर जितनी श्रद्धा ज्यादा होती है. वह उस प्रकार से भगवान की पूजा करता है. और हम आपको यहां पर बताने वाले हैं. कि हम शाम को पूजा या फिर आरती किस लिए करते हैं. इसका महत्व क्या होता है. इसके लाभ क्या होते हैं. आदि के बारे में डिटेल से बताने वाले हैं. और आपको यह जानना है. तो आप हमारे इस आर्टिकल को लास्ट तक जरूर पढ़ें.

पूजा:-

दोस्तों हम कभी भी पूजा करने बैठते हैं. तो सामने भगवान की मूर्ति या फिर फोटो को देखकर ही पूजा करते हैं. और पूजा करने के बाद लास्ट के अंदर आरती करते हैं. और पूजा अर्चना करने के पुराने लोगों के द्वारा बहुत तरीके बताए गए हैं. और हर समय पुराने रीति रिवाज और नियम के अनुसार ही पूजा करनी चाहिए. क्योंकि अगर आप ऐसा नहीं करते हैं. तो उसका कोई महत्व नहीं रहता है.

दोस्तों अलग-अलग जितने देवी देवता होते हैं. उनके अलग-अलग मंत्र होते हैं. और वह मंत्रा को हम जाप करके उस देवी देवता को प्रसन्न कर सकते हैं. और दोस्तों आप कोई भी देवी देवता की पूजा कर रहे हैं. उसके पहले आपको पांच देवी और देवता की पूजा जरूर करनी जरूरी है. और आप सुबह स्नान कर लेते हैं. उसके बाद देवी और देवता को पुष्प, धूप, पत्र आदि चीज को चढ़ाना है. और आप जो देवी देवता को यह सब अर्पित करते हैं. उस दौरान कुछ देवी देवता का मंत्र का जाप करना जरूरी है. तो आप हमारे इस आर्टिकल को लास्ट तक जरूर पढ़ें. Puja Ka Vaigyanik Mahatva – पूजा का वैज्ञानिक महत्व.

पंचदेव:-

आदित्यं गणनाथं च देवी रुद्रं च केशवम्‌। 

पंच दैवत्यामि त्युक्तं सर्वकर्मसु पूजयेत॥

ऊपर जो श्लोक बताया उसका अर्थ:- दोस्तों पंचदेव के सूर्य, दुर्गा, शिव, गणेश, विष्णु आदि को पंचदेव का दर्जा दिया गया है. और कोई भी आप अच्छा काम करते हैं. इन सभी देवी देवता की पूजा करनी जरूरी है.

आरती:-

दोस्तों हम आरती को अंजन रहित के नाम से भी बुला सकते हैं. और दोस्तों आप आराध्या की पूजा अर्चना कर रहे हैं. और उसमें कोई एरर रह जाती है. तो आप पूजा की आरती करते हैं. तो आपकी वह एरर दूर हो जाती है. और दोस्तों आपको आरती के अंदर पांच लिए को रखकर ही आरती को करना है. और पांच दिए रखने की वजह से इस आरती को पंचप्रदीप आरती से भी जाना जाता है. और आरती के अंदर एक दीया या फिर 7 दीया या फिर बहुत सारे दिए आदि को भी हम आरती करने में यूज कर सकते हैं.

विशेष:- 

दोस्तो आप आरती के अंदर जो दिया जलाते हैं. तो उस दिए की दिशा को आपको पूर्व तरफ रखना है. जिसके कारण उम्र में बढ़ोतरी होती है. और दीए की दिशा पश्चिम तरफ रखते हैं. तो आपके जीवन में दुख आता है. और आप दिए को उत्तर दिशा की तरफ रखते हैं. तो धन के रिलेटेड आपको दिक्कत आती है. और दोस्तों आप जो दिया जलाते हैं. उसमें जोत को दिए के सेंटर में रखना जरूरी है. और ऐसा करने से आपको बहुत फायदा मिलता है. और आप दिए के आसपास में दूसरी छोटी-छोटी ज्योत को जलाते हैं. जिसके कारण भी आपको बहुत फायदा मिलता है.

पूजन-आरती सामग्री:-

दोस्तों आपको पूजा अर्चना करने के लिए क्या-क्या सामग्री की जरूरत है. वह मैं आपको यहां पर बताने वाला हूं. जैसे कि केसर, चंदन, धूप, चावल, अबीर, गुलाल, अभ्रक, हल्दीपान के पत्ते, पुष्प माला, कमल गट्टे, आभूषण, नाड़ा, रुई, रोली, सिंदूर, सुपारीधनिया खड़ा, सप्तधान्य, पंच मेवा, गंगा जल, शहददही, दूध, लौंग मौली, इत्र की शीशी, ऋतु फल, नैवेद्य या मिष्ठान्न इलायचीकेले के पत्तेगणेशजी की मूर्तिपाना औषधिसभी देवी-देवताओं को अर्पित करने हेतु वस्त्र, जल, कलशदीप, सफेद कपड़ा, लाल कपड़ा, धान्य श्री फल, खड़ा धनिया आदि सारी चीज पूजा अर्चना करने के लिए जरूरत पड़ती है.

पूजा और आरती का लाभ:-

दोस्तों आरती करने से हमारा मन तो शुद्ध होता है. बल्कि जो दिए के अंदर गाय का घी यूज़ होता है. उसकी की वजह से वातावरण के अंदर जो जीव जंतु होते हैं. उसका विनाश होता है. और वातावरण शुद्ध रहता है. और विष्णु धर्म के अंदर ऐसा बताया गया है. कि जो व्यक्ति पूजा अर्चना की आरती दिल से करता है. या फिर देखता है. तो उसके अगली 7 पेढ़ी बहुत अच्छे से जीवन को जी सकती है.

निष्कर्ष 

दोस्तों मैंने आपको इस आर्टिकल के अंदर बताया की Puja Ka Vaigyanik Mahatva – पूजा का वैज्ञानिक महत्व. और आपने हमारे इस आर्टिकल को लास्ट तक पढ़ा होगा. तो आपको समझ में आ गया होगा. कि पूजा का वैज्ञानिक महत्व क्या है. और आपको यह आर्टिकल पढ़कर नॉलेज मिला है. तो आप इस आर्टिकल को अपने फ्रेंड या फिर अपने रिलेटिव के साथ जरूर शेयर करें. क्योंकि यह नॉलेज उन लोगों को भी मिल जाए. और आपको इस आर्टिकल में कोई भी दिक्कत का सामना करना पड़ा है. तो आप हमें नीचे कमेंट करके पूछ सकते हैं. और हम उस कमेंट का जवाब जरूर देंगे. और आपको इस आर्टिकल को सोशल मीडिया पर इतना वायरल कर देना है. कि आपके एक शेयर करने की वजह से बहुत लोगों का फायदा हो सके. तो मिलते हैं. अगले आर्टिकल में तब तक के लिए धन्यवाद.

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