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नाग पंचमी क्यों मनाया जाता है, इसके पीछे की नाग पंचमी कथा

 नाग पंचमी का दिन एक प्रकार से बहुत ही खास त्योहार माना जाता है. इस त्यौहार के अंदर लोग भगवान शिव की पूजा करते हैं और उसके साथ नाग देवता की भी पूजा की जाती है. इतिहास में यह मान्यता भी है कि इस दिन पर अगर आप नाक को दूध पिलाते हैं तो नाग देवता प्रसन्न होते हैं.

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 इस दिन पर नाक की पूजा करने से आपके घर परिवार में खुशहाली की लहर उठ जाती है. नाग पंचमी के दिन पर लोग अपने घरों के आगे सांप की आकृति बनाते हैं और साथ ही साथ इस वाले दिन पर अगर आप रुद्राभिषेक की क्रिया करते हैं तो सबसे उत्तम पुण्य मिलता है.

दोस्तों अगर आप जानना चाहते हैं कि नाग पंचमी क्यों मनाया जाता है तो इसके पीछे दो पौराणिक कथाएं छिपी है. यह दो पौराणिक कथाएं जानने के लिए यह पोस्ट अंत तक पढ़े.

पहली कथा

एक पौराणिक कथा के अनुसार कई साल पहले एक गरीब किसान हुआ करता था जो अपने परिवार वालों के साथ गुजारा करता था. उस वाले गरीब के कुल मिलाकर तीन बच्चे थे जिनमें से 2 पुत्र थे और एक पुत्री थी. एक दिन जब वह अपने खेत में हल चला रहा था तो उस हाल में फंस कर नागिन के कुल मिलाकर तीन बच्चों की मौत हो गई थी.इस वाक्य की वजह से नागिन गुस्सा हुई और उसने उस किसान के साथ बदला लेने का फैसला कर दिया. जब एक दिन वह किसान अपने बच्चों के साथ रात में सो रहा था तो नागिन ने आकर उसके पुत्री के अलावा सारे परिवार को डस लिया और मार कर चली गई.

इस वाक्य के दूसरे दिन जब वह नागिन उसकी बची हुई पुत्री को डसने के लिए आई,  तब उस किसान की लड़की ने डर कर वह नागिन के आगे दूध का कटोरा रख दिया और अपने दोनों हाथों को जोड़कर उससे माफी मांगने लगी. जब यह हुआ तब सावन शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि थी. लड़की के यह चीज को देखकर नागिन खुश हो गई और उसने लड़की को कहा कि वह वरदान मांगे. लड़की ने फिर वह नागिन से कहा कि वह अपने माता पिता और भाई को जीवित करना चाहती है और वह लड़की ने यह भी कहा कि इस वाले दिन पर जो भी मनुष्य नागिन की पूजा करेगा उसको नागिन नागिन पूरे जीवन काल में कभी भी ना ढसे.

 यह सुनकर नागिन ने उस लड़की को तथास्तु कहा और वह वहां से चली गई.नागिन के द्वारा मिले हुए वरदान के कारण उस लड़की का पूरा परिवार फिर से जीवित हो गया और किसान अपने परिवार के साथ खुशहाली से जीने लगा.

द्वितीय कथा

एक ऐसी भी कथा है जिसके अनुसार यह कहा जाता है कि नाग पंचमी के दिन भगवान श्री कृष्ण जी ने अपने मित्रों के साथ यमुना नदी के तट पर खेल खेल रहे थे. तभी अचानक यमुना नदी के अंदर उनकी गेंद चली गई. भगवान श्री कृष्णा वह गेंद लेने के लिए नदी के अंदर कूद पड़े.

 तभी वह यमुना नदी के अंदर कालिया नाग आए और श्री कृष्ण जी पर आक्रमण कर दिया. इसके बाद श्री कृष्ण जी ने वह कालिया नाग को बड़ा ही सबक सिखाया और कालिया नाग कृष्ण जी की और क्षमा मांगने लगे. इसके बाद कालिया नाग ने प्रतिज्ञा लेते हुए कहा कि वाह गांव वालों के ऊपर कभी भी हमला नहीं करेगा. तभी से यह मान्यता शुरू हुई कि इस वाले दिन पर कृष्णा जी की कालिया नाग पर विजय हुई थी तो इसे नाग पंचमी के अवसर के रूप में मनाया जाए.

 नाग पंचमी के त्यौहार पर कुछ सवाल जवाब

 प्रश्न – नाग पंचमी किस नाम की प्रतिज्ञा को लेकर मनाई जाती है?

उत्तर –   कालिया नाग

प्रश्न –  महाभारत के अनुसार सांपों का राजा कौन है?

उत्तर – Takshaka

 प्रश्न –  नाग पंचमी हिंदू कैलेंडर के अनुसार कौन से महीने में मनाई जाती है?

 उत्तर – सावन 

अंतिम शब्द

 दोस्तों मैंने यह पोस्ट के अंदर आपको समझाया कि नाग पंचमी के पीछे का इतिहास क्या है और नाग पंचमी क्यों मनाया जाता है. सारी सर आपने जाना की हर साल में हिंदू कैलेंडर के तहत नाग पंचमीसावन शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन मनाया जाता है. अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई है तो इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और अगर आपको नाग पंचमी के बारे में किसी भी प्रकार का सवाल है तो नीचे कमेंट बॉक्स में आपने बताएं. धन्यवाद. 

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