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गणेश चतुर्थी क्‍यों मनाते हैं, इसके पीछे की कहानी जाने

गणेश चतुर्थी का त्योहार हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के अवसर पर मनाया जाता है. इतिहास में यह मान्यता है कि इस वाले दिन पर भगवान गणेश जी का जन्म हुआ था. कुल मिलाकर 10 दिनों तक यह त्यौहार चलता है जिसे हम गणेशोत्सव के नाम से पुकारते हैं.

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 गणेश चतुर्थी के दिन बड़े ही श्रद्धा से गणेश जी की मूर्ति पर वस्त्र पहनाए जाते हैं और उनके ऊपर हार और ऊपर से सजाया जाता है. उनकी विधि के अनुसार पूजा व आरती करी जाती है. गणेश चतुर्थी का यह त्यौहार हमारे भारत देश के अंदर कुछ मुख्य तौर पर ही राज्यों के अंदर मनाया जाता है जिसके अंदर है महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक.

दोस्तों तो चलिए शुरू करते हैं यह पोस्ट जिसमें मैं आपको बताऊंगा कि गणेश चतुर्थी का त्योहार हमारे भारत देश के अंदर खुशियों के साथ क्यों मनाया जाता है और कब मनाया जाता है. साथ ही साथ में आपके प्रत्यक्ष यह भी रखूंगा कि सबसे पहले गणेश चतुर्थी के यह त्यौहार की शुरुआत किसने की और हमारे देश के अंदर हम लोग कौन-कौन से राज्यों के अंदर मुख्य तौर पर यह त्यौहार मनाते हैं. तो चलिए बिना समय व्यर्थ किए हैं हम शुरु करते हैं यह पोस्ट गणेश चतुर्थी क्यों मनाया जाता है. 

 गणेश चतुर्थी क्यों मनाया जाता है, गणेश चतुर्थी मनाने के पीछे की मान्यता

 गणेश चतुर्थी को मनाने के पीछे कई सारी पौराणिक कथाएं है, लेकिन उनमें से सबसे मुख्य एक पौराणिक कथा है जिसके अनुसार, एक बार ऋषि मुनि महर्षि वेदव्यास जब महाभारत नाम के ग्रंथ की रचना कर रहे थे तब उन्होंने भगवान श्री गणेश को लिपिबद्ध करने के लिए कहा था. तब उसका उत्तर देते हुए गणेश जी ने कहा था कि वह एक बार महाभारत ग्रंथ लिखना शुरु कर देंगे तो बीच में रुकेंगे नहीं और अगर वह किसी प्रकार से रुक गए तो वहां ग्रंथ लिखना छोड़ देंगे.

 इस प्रकार से भगवान श्री गणेश ने महाभारत ग्रंथ को लिखना शुरू कर दिया था और वहां लगातार 10 दिन तक उसे लिखते रहे लेकिन जब 10 दिन के बाद चतुर्दशी के दिन ग्रंथ को लिखना समाप्त कर दिया. इन्हीं 10 दिनों तक गणेश जी ने एक ही मुद्रा में बैठकर पूरा का पूरा महाभारत ग्रंथ लिखा था, किसी कारण के तहत हम 10 दिनों तक गणेश उत्सव मनाते हैं.

 गणेश चतुर्थी का इतिहास

 माता पार्वती और भगवान शिव के सुपुत्र श्री गणेश जी के जन्मदिन के अवसर पर हम सब भारतवासी गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाते हैं.

 लेकिन कहीं इतिहासकारों का यह भी मानना है कि महाराष्ट्र के सातवाहन, राष्ट्रकूट और चालुक्य राजाओं ने भारत देश के अंदर सर्वप्रथम गणेश चतुर्थी मनाने की प्रथा की नीम डाली थी.

खास करके महाराजा छत्रपति शिवाजी ने भगवान श्री गणेश जी की उपासना करने के लिए अपने राज्य में और संस्कृति में गणेश चतुर्थी को बहुत ज्यादा बढ़ावा दिया था और उन्होंने कहा था कि इसे पूरे राष्ट्र के अंदर धूमधाम से मनाया जाए. महाराजा शिवाजी के बाद पेशवा राजाओं ने भी गणेश चतुर्थी मनाने को बहुत ही बढ़ावा दिया था.

गणेश चतुर्थी पर कुछ सवाल जवाब

 प्रश्न – भगवान श्री गणेश के पिता कौन हैं?

 उत्तर –  भगवान शिव जी है भगवान श्री गणेश जी के पिता श्री 

स्पष्टीकरण:-  भगवान श्री गणेश जी के माता है पार्वती जी और उनके पिता श्री है भगवान शिव.

 प्रश्न – गणेश चतुर्थी कितने दिन लंबा त्यौहार है?

 उत्तर –  10 दिन तक मनाया जाता है गणेश चतुर्थी का त्योहार 

स्पष्टीकरण:- गणेश चतुर्थी एक 10 दिन लंबा त्यौहार है जो बाल गंगाधर तिलक के द्वारा एंटी एसेंबली कायदे को ब्रिटिश गवर्नमेंट के विरुद्ध रखने के लिए किया था. उनका यह भी मानना था कि इसकी वजह से जो ब्राह्मण और ब्राह्मण नहीं है उनके बीच का जो अंतर है उनके बीच के जो भी मतभेद है वह दूर हो जाएंगे.

 निष्कर्ष

 दोस्तों यह पूरी पोस्ट के अंदर मैंने आपको समझाया कि गणेश चतुर्थी का पर्व हम हमारे देश के अंदर क्यों मनाते हैं और इसके पीछे का संपूर्ण इतिहास.

 अगर आपको हमारी यह पोस्ट गणेश चतुर्थी क्यों मनाया जाता है पसंद आई है तो इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ और परिवारजनों के साथ जरूर शेयर करें.दोस्तों खासतौर पर मैं आपको यह भी बताना चाहता हूं कि अगर आपको यह पोस्ट के लिए किसी भी प्रकार का प्रश्न या संकोच है तो आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स के अंदर में बता सकते हैं. हम आपके सभी प्रश्नों के जवाब देने का पूरे का पूरा प्रयास करेंगे तो इसी के साथ चलिए यह पोस्ट को यहीं पर खत्म करते हैं. धन्यवाद.

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